Partnership deed साझेदारी क्या होती है?इसके फायदे और नुकसान 

Partnership Deed – दोस्तों आजकल किसी भी काम या व्यवसाय को अकेले संभाल पाना मुश्किल होता है और ना ही सभी लोगों के पास इतना पैसा होता है कि वह अकेले अपना कोई बिजनेस खड़ा कर सकें और उसको खुद ही संभाल सके बहुत ही कम लोग अकेले कोई बिजनेस चला पाते हैं वरना सब को अपने किसी व्यवसाय को चलाने के लिए किसी एक पार्टनर की जरूरत होती है जब किसी व्यवसाय को दो या दो से अधिक लोग  मिलकर चलाते हैं तो इसे साझेदारी  या Partnership deed  कहते हैं

Partnership Deed क्या होता है ?

जब कोई काम एकजुट होकर किया जाए तो वह काम आसानी से हो जाता है एकजुट होकर काम करने को ही Partnership deed कहा जाता है और उस व्यवसाय को चलाने के लिए सभी को बराबर जिम्मेदारियां दी जाती है और व्यवसाय में जो भी लाभ या फिर हानि होती है सभी लोग उसका आपस में साझा करते हैं ऐसे किए गए काम को ही साझेदारी विलेख के नाम से जाना जाता है

Partnership deed – साझेदारी विलेख की कुछ शर्तें

वैसे तो साझेदारी में कोई भी बिजनेस करना बहुत अधिक मुश्किल होता है क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक योजनाएं जुड़ी होती हैं और साझेदारी के बिजनेस में  जो अभी साझेदार होते हैं  उन लोगों में किसी भी टॉपिक को लेकर असहमति और विवाद होने की बहुत अधिक संभावना हो जाती है कभी-कभी सरदारों के बीच पैसे को लेकर भी विवाद हो जाता है और कभी-कभी ऐसी सिचुएशन आ जाती है कि व्यवसाय बंद भी करना पड़ता है इसलिए साझेदारी विलय की कुछ शर्तें होती हैं जिनको हम बताने जा रहे हैं

  • जब हम साझेदारी का बिजनेस शुरू करते हैं तो सबसे पहले हमें साझेदारों के बीच कार्यकारी विलेख पर उनके साइन करवाना समझदारी वाला फैसला होता है क्योंकि साइन करवा लेंगे से सभी साझेदारों में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के हित की रक्षा होती है
  •  साझेदारी के बिजनेस में जब भी कोई फायदा या मुनाफा होता है तो उसका लाभ उठाने और  हनी को भरने  में सभी साझेदारों का बराबर हिस्सा होता है
  •  साझेदारी विलेख का पंजीकरण कराना  बहुत आवश्यक होता है इसे कराने से कंपनी को पैन कार्ड बनवाने तथा बैंक खाता खुलवाने में बहुत आसानी हो जाती है इससे कंपनी के नाम पर GST  और FSSAI लाइसेंस प्राप्त करने में बहुत अधिक सहायता मिल जाती है

 Partnership deed – साझेदारी विलेख की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां जो आपको पता होना बहुत आवश्यक है

साझेदारी में जब हम बिजनेस शुरू करते हैं तो कभी-कभी किसी विषय पर कोई विवाद होने  पर साझेदारी विलय द्वारा आप के हितों की सुरक्षा हो जाती है इसलिए आपको भूलेख में कंपनी से संबंधित सभी कानून विवरण को दर्ज कराना चाहिए वैसे तो साझेदारी मिलेगा समझौता करने का कोई  सिक्स फॉर्मेट नहीं है लेकिन साझेदारी के अभिलेख में वह सारी जानकारी शामिल की गई हैं जिन्हें आप को  साझेदारी बिजनेस करने से पहले जानना बहुत जरूरी होना चाहिए

  • स्थान का चयन- सबसे पहले हमें साझेदारी का बिजनेस करने के लिए एक स्थान की जरूरत पड़ती है हमें अपने बिजनेस को शुरू करने से पहले ऐसे स्थान को ढूंढना चाहिए जहां पर वह अच्छे से चल सके और उसके आसपास का वातावरण आपके बिजनेस से प्रभावित ना हो
    •  साझेदारी बिजनेस का उद्देश्य– साझेदारी का बिजनेस करने वाले भागीदारों द्वारा किए जाने वाले व्यापार के प्रकार को सही रूप से करने के लिए भागीदारों का नाम पता और अन्य जानकारी होना बहुत आवश्यक है
    • पूंजी– जो भी पूंजी आपके व्यापार करने में लगती है उसमें बराबर की साझेदारी करना सभी साझेदारों का हक होता है और जो भी व्यापार में लाभ व हानि होती है उनका भी सभी लोगों में बराबर साझेदार होना जरूर
  • वेतन  और  कमिशन-जो भी कमीशन और वेतन कंपनी को मिलता है या फिर देना पड़ता है उसमें भी सभी भागीदारों की बराबर साझेदारी होती है
    • लेन देन का विवरण– व्यवसाय में सभी भागीदारों को लेनदेन की पूरी जानकारी होना आवश्यक है और यह जानकारी किसी भागदा द्वारा देखी जा सकती हैं 
  • बैंकिंग और पार्टनरशिप फंड- सभी भागीदारों का नाम बैंक में निर्मित खाते में होना चाहिए और पार्टनर से फंड सभी को मिलना चाहिए

Partnership deed मैं कितने व्यक्ति की साझेदारी हो सकती है?

जब हम नया व्यवसाय शुरू करने जाते हैं तो हमें यह जानना भी बहुत जरूरी होता है कि हम अपने व्यवसाय में कितने लोगों को जोड़ सकते हैं या साझेदारी कर सकते हैं तो हम बता दें कि जब हम Partnership deed मैं व्यवसाय करते हैं तो उसमें कम से कम 2 लोग और अधिक से अधिक 20 लोगों की साझेदारी कर सकते हैं यदि हम 20 से ऊपर की साझेदारी करेंगे तो यह व्यवसाय अवैध माना जाएगा 

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Partnership Deed के फायदे

जब हम भागीदारी में व्यवसाय शुरू करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि हमारा नुकसान ही होगा भागीदारी में व्यवसाय शुरू करने के बहुत सारे फायदे होते हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जैसे

  •  भागीदारी में व्यवसाय शुरू करने का सबसे बड़ा फायदा तो यह होता है कि यदि आपके पास अपने बिजनेस में लगाने के लिए पैसा नहीं है तो आप पार्टनरशिप के जरिए कम पैसों में भी अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं
  • और भागीदारों के बीच जो विवाद होता है उससे बचा जा सकता है
  •  कंपनी को जो भी लाभ या हानि होती है उसमें भी आपके पार्टनर की बराबर भागीदारी हो जाती है

साझेदारी का बिजनेस शुरू करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है

 साझेदारी फर्म में हमें पंजीकरण के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज चाहिए होते हैं जैसे

  1. साझेदार का पता प्रमाण पत्र ( रेंट एग्रीमेंट, बिजली का बिल)
  2.  साझेदार का जाति प्रमाण पत्र 
  3.  साझेदार का जीएसटी पंजीकरण
  4.  सभी साझेदारों का दस्तावेजों में ली गई शपथ का नमूना
  5.  साझेदारी के पंजीकरण के लिए आवेदन फॉर्म 

निष्कर्ष – Partnership Deed kya hai

दोस्तों आप इस पोस्ट के जरिए समझ गए होंगे की साझेदारी Partnership deed कैसे करते हैं और इसे करने के क्या-क्या लाभ और हानियां हैं  साझेदारी  बिजनेस की महत्वपूर्ण विशेषताएं क्या होती हैं इन सभी के बारे में आप हमारी इस पोस्ट के जरिए जान पाए होंगे यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट करके अवश्य बताएं 

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